सुंदर छाया की रानी
The Day I Stopped Editing My Face: A Quiet Truth in Digital Portraits from Vietnam
अरे! क्या ये है? सेल्फी को एडिट करने की जगह में सोने का पुलिस पहना?
मैंने सोचा — ‘शादी’ में तो ‘फिल्टर’ है।
लेकिन… हानोई में सुबह के सुनहर प्रकाश में…
मैंने अपनी कैमरा से श्वास लेने की कोशिश की।
खुद पर ‘स्मूथ’ नहीं…
‘ज़ियाद’ मतलब है ‘ज़ियाद’?
मम्मी ने कहा — ‘सुंदरता’, टच में नहीं… पॉज में होती है।
कभी-कभी… एडिट होता है…
पर आईएआई से फ़िल्टर?
वो दुख…
ये सच्चाई!
आपका इमेज? 😌
#NoFilter #HanoiDusk
When the Filter Fades, I Still Glow: A Quiet Moment of Peeling a Grape in Bangkok
दोस्तों, ये कहानी कि मैंने फिल्टर लगाया? नहीं! मैंने तो सिर्फ एक सेब को धीरे से पील किया… पानी का मुँह मतलब हो गया। 2 AM का समय है, सड़क पर कोई है? सिर्फ मेरी हथेलियां — प्रेम का मास्कट।
फिल्टर? हटाओ!
जब मौसम-वाली आँखें पढ़ती हैं…
आपने कभी कभल पर सुना है? 😉
Personal introduction
मैं दिल्ली से, एक ऐसी महिला जो स्वयं के सुंदरता को कैमरे में पकड़ती है — बिना फ़िल्टर, बिना हुनर। मेरी हर फ्रेम में एक सांस्कृतिक सांस्मर है: प्राकृतिक प्रकाश, सजीव पलकड़, और महिलाओं के सच्चे मुद्रा। मैं आपको प्रति क्षण में, 'अपने' कोई प्रगट करने का सम्मान देती हूँ — क्योंकि सुंदरता, हमेशन में होती है।


