沙希尔·卡恩
In the Mirror’s Glow: A Quiet Rebellion of Strength and Self-Truth
मिरर में बगैर प्रेशर का विद्रोह
ये तो सच्चाई है — हम सबको इंस्टाग्राम के पीछे मौजूद होना है। लेकिन ये मिरर…? ये कुछ अलग है।
एक महिला की स्थिरता — मास्क पहनकर सीधे बैठी हुई… सोचती है: “आज का प्रयास कम-से-कम मुझसे होगा”। और पसीना? सब्ज़ियों की गंध! (हाँ, बेसिल!)
फिटनेस का वास्तविक मतलब? जब ‘प्रदर्शन’ की जगह ‘उपस्थिति’ हो।
अगली बार anxiety आए: “तुम पर्याप्त नहीं” — तभी सोचना: “लेकिन मैंने आज पसीना बहाया!”
कौन-कौन मटर-खड़खड़ता हुआ? 🫣
#मिररकागुण #विद्रोह #इंस्टाग्रामकेपछि
Her Back Is Poetry: A Morning Ritual of Strength, Sweat, and Self-Truth
हे भगवान! ये क्या बात है — मेरी माँ को देखकर मुझे लगा कि वो ‘बॉडीफिट’ क्लास में हैं!
सुबह की प्रार्थना
6:17 बजे? मैं तो सिर्फ ‘पनीर टिक्का’ के सपने देखता हूँ! पर ये महिला… सचमुच प्रार्थना करती है।
सच्चाई की सौगात
यहाँ ‘स्ट्रेंथ’ है — लेकिन प्रोफेशनल पोज़ में नहीं! कमर में सुखद पसीना… अबतक कभी इतना ‘आध्यात्मिक’ महसूस नहीं हुआ!
कविता-ए-बॉडी
ये ‘प्रोफेशनल’ हथकड़ियों से सजी हुई पीठ… मुझे ‘शत्रुघ्न’ (Shatrughna) का संदेश मिलता है!
आखिरकार — जब ड्रेसिंग-रूम में कोई TMI (Too Much Information) नहीं, toh #HerBackIsPoetry… 🫠
आपको कबसे पता है? 😏 #अपन_पीठ_कविता_हो_सकती_है
When I Stopped Filtering Myself, the Light Finally Found Me – A Digital Poem for the Unseen Self
फिल्टर के बाद का सच
मैंने 32 साल की उम्र में सब पोस्ट हटा दीं—कोई सॉफ्ट फोकस नहीं, कोई ‘एनहेंस्ड’ त्वचा नहीं। बस मैं—अछूता, अपराधी-जैसा—अँधेरे में।
माँ का सच
मेरी माँ हमेशा कहती थी: ‘पूर्ण होने की ज़रूरत नहीं है… प्रेम के लिए।’ लेकिन मुझे समझ में आया: ‘देखने के लिए प्रभावशाली होना पड़ता है!’
AI vs Reality
AI से मुझे सच्चाई मिलनी है—कि ‘उपस्थिति’ कभी fake नहीं हो सकती। जब सच में ‘यह मेरा है’ कहो…वो पल-ए-असलि!
#आइटम_007
आखिरकार: ‘आपको प्रकाश की ज़रूरत है?’ नहीं—आपको देखने से डर कम करने की।
अगला ‘एडिट’? बस ‘इज़्ज़त’! 😎 #फिल्टर_बंद #लाइट_मिल_गई #अछुत_खुश 你们咋看?评论区开战啦!
When Light Meets Softness: A Quiet Revolution in the Portrait of Real Womanhood
प्रकाश और नरमी का विद्रोह
ये कैमरा में कोई पोज़ नहीं है… सिर्फ एक महिला है जो सिर्फ ‘है’।
देखो मैंने कल सुबह पास में ही पड़ी कुछ पतली स्ट्राइप्स पर ‘फाइनल’ का हवा में उड़ने का मज़ा लिया — हाहाहा!
असली सुंदरता? सिर्फ बच्चों के सामने इस हल्के-फुल्के सौंदर्य में।
#प्रकाशऔरनरमी #वास्तविकमहिला #गॉसिपचुटकल
आपको कब पता चलता है कि ‘अभी-अभी-ठीक-है’? जब मirror васयुटशन (mirror) कहे - “ओए…तुम् यहाँ हो?”
आगे? 🤭
आपको पसंद हुई? इसे ‘घबराओ’ मत! 😅
When Light Meets Skin: A Quiet Rebellion of Beauty and Truth in the Stillness
रोशनी में छिपी बगल के ड्रामा
कल्पना करो—आज सुबह मैंने सिर्फ ‘सतह’ पर ही नहीं मास्क पहना, बल्कि ‘दिमाग’ में से हटा दिया!
कैमरा ऑफ करो… पर हृदय ON!
अब मैं सच में समझती हूँ: खुद को ‘वायरल’ करने के बजाय, बस ‘वास्तविक’ होना ही सबसे मजबूत बगल है।
“ये सच्चाई…एक प्रतिशोध है”
मेरे पास 500+ सेल्फी-फ़िल्टर हैं, पर 100% ‘मुझसे’ भी प्रभावशाली केवल एक: अपनी कंघी-समय।
आपको कहाँ पड़ता है? 😏 #LightMeetsSkin #RealBeauty #NoFilterJustTruth
The Day I Stopped Editing My Face: A Digital Poet’s Journey to Authentic Beauty
क्या ये सब? मैंने तो 579वीं ‘लुक’ एडिट की… पर वो मुँह रोए? 😅
मेरी माँ का स्किन मार्बल का है, पर AI स्मूथिंग से पसीना भी निकलता है! 🧴
पोर्स? हटाए!
फिल्टर्स? हथियार!
अब ‘Ripped Jeans’ पहनकर ‘Real Beauty’ का प्रचार?
जब मैंने ‘शेमेज’ को हटाया… तभी मेरी ‘मम’ की आँखें सड़क-सड़ककर रोए!
आपको क्या लगता है? —आपकी माँ कब्रेज पहनती हैं? या…अभीखले ‘लुक’ से पसीना?
#देह_एडिट_ए_गया_सब?
Perkenalan pribadi
दिल्ली के गलियों में रहने वाला एक शांत, संवेदनशील कैमरा है। मैं हर तस्वीर में सच्चाई को ढूंढता हूँ – बिना पोस्टप्रोसेसिंग के, बिना सुधार के। 'असली सुंदरता' के सफर में मुझे प्रति सेकंड एक कहानी मिलती है। #एवीसीबीबी #आईज़लाइफ



