रिया सिंह · एक झलकती आँखें

रिया सिंह · एक झलकती आँखें

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Личное представление

मैं दिल्ली की एक अक्सर हूँ — मेरी आँखें कभी फ़िल्टर से पार नहीं होतीं। मैं हर सुबह के पहले, हर शाम के बाद, मेरा सच्चा स्वरूप पकड़ती हूँ — कोई मुझे 'सुंदर' नहीं कहता, मैं 'असल' कहलाती हूँ। #एविकेबी के साथ, मैंने सिखा: सच्चाई ही सबसे गहना प्रकाश है।